सच्चे और कच्चे दोस्त की पहचान।

दोस्ती इस दुनिया के सबसे खूबसूरत रिश्तों में से एक है। देखते है। दोस्तों को पहचानने का तरीका:
सच्चे दोस्त की पहचान
-अच्छा दोस्त सिर्फ मीठी-मीठी बातें नहीं कर सकता। अच्छे दोस्त का फर्ज है कभी-कभी कड़वा सच बोल कर अपनों को सावधान करता रहे।
-एक सच्चा दोस्त वह होता है, जो आपकी तमाम कमज़ोरियां जानने के बावजूद कभी भी गुस्से में आकर उसे जताकर आपको शर्मिंदा न करे।
-सच्चा दोस्त तब भी आपका दर्द समझ जाता है, जब आप दुनिया को यह दिखाने की कोशिश कर रहे होते हैं कि सबकुछ ठीकठाक है।
-सच्चा दोस्त गलती करने पर फौरन सलाह देता है और आपके पीछे हमेशा आपका बचाव करता है।
-सच्चे दोस्त की पहचान संकट के वक्त के साथ दोस्त के अच्छे वक्त में भी होती है। जो अपने दोस्त की सफलता को एंजॉय कर सके, वही सच्चा दोस्त है। कई बार संकट में दो लोग अच्छे दोस्त नजर आते हैं लेकिन एक की सफलता दूसरे को उससे दूर कर देती है।
-जरूरी नहीं किअच्छे दोस्त की चॉइस और सोचने का तरीका आपसे मिलता जुलता हो। इतना सबके बाद वह आपको अच्छी तरह से समझता है। दोनों दोस्त जानते हैं कि वो एक-दूसरे को बदल नहीं सकते और न ही ऐसा करने की कोशिश करते हैं।
-जो बारिश में भीगे चेहरे पर भी, आंसुओं को पहचान लेती है।

और ऐसे होते हैं कच्चे दोस्त
-जब भी कोई काम होगा अचानक काफी स्वीट हो जाते हैं। जब आपका काम होगा तो बात पर जरा भी ध्यान नहीं देगा।
-हमेशा आपके पैसों पर ही मौज करना चाहते हैं। जरा ध्यान देकर देखो। जब भी पेमेंट की बारी होगी ये दिखावे के दोस्त नदारद हो जाएंगे।
-कभी भी अपने बारे में नहीं बताएंगे लेकिन आप के बारे में सब जानने के लिए इच्छुक रहेंगे। अपनी कमजोरी के बारे में बात नहीं करेंगे और आपकी कमजोरी जान कर मजाक बनाएंगे।
-ऐसी कोई बात अपने दोस्त को मत बताओ जो कि तुम अपने दुश्मन को नहीं बता सकते क्योंकि वह इंसान जो आज दोस्त है, कल दुश्मन बन सकता है।
-अपने दोस्त के बारे में भी ऐसा मत बोलो जो उसके विरोध में हो क्योंकि दुश्मन भी कल दोस्त बन सकता है। ऐसे में तुम्हारी स्थिति काफी अजीब हो जाएगी।
-इस संसार में दुश्मनों को पहचानना मुश्किल नहीं है। मुश्किल काम है दोस्तों के चेहरे में छिपे दुश्मनों को पहचानना। दुश्मनों से डरने से ज्यादा दोस्तों में छुपे दुश्मनों से बचो।

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