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Showing posts from 2022

किताबें पढ़ने के फायदे

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हर किसी को किताब पढ़ना जल्‍दी पसंद नहीं आता। कई बोलते हैं उनको किताब पढ़ने से बोरियत होती है तो किसी का कहना होता है कि उनके पास इतना समय ही नहीं है। पर वहीं दूसरे लोग हैं जिन्‍हें किताब का एक पन्‍ना पढ़े बिना नींद ही नहीं आती।  किताब पढ़ना एक नशे के समान होता है। किताब पढ़ने हमारे शरीर को कई ढ़ेर सारे लाभ मिलते हैं। उसमें से एक है अच्‍छी नींद का आना। रात को अगर अच्‍छी किताब पढ़ कर सोया जाए तो दूसरा दिन काफी ऊर्जा भरा होता है। हर इंसान को हर दिन आधे घंटे के लिये जरुर किताब पढ़नी चाहिये। किताब पढ़ने से तनाव और अकेलापन भी दूर होता है। बता दें कि ज्यादातर लोग किताबों को शौक या किसी मकसद के लिए बढ़ते है लेकिन क्या आपको पता है कि पुस्तकें पढ़ने से सेहत संबंधी कई फायदे होते है। अगर आप नहीं पढ़ते तो अब इस शौक को अपनी आदत बना लें । जल्द ही आपको किताबेे पढ़ने से होने वाले फायदों के बारे में पता लग जाएंगा।  प्रतिदिन किताबें पढ़ने से निम्नलिखित फायदे होते हैं। ●दिमाग का अभ्यास किताबें पढ़ने से दिमाग का अभ्यास होता है और जाहिर सी बात है जब दिमाग का अभ्यास होगा तो दिमाग स्वस्थ भी रहेगा। ●त...

एकांत और अकेलापन

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एकांत और अकेलेपन में बहुत अंतर है । दोनों एक जैसे लगते हैं, पर ऐसा है नहीं ।  एकांत और अकेलापन दोनों में हम अकेले ही तो होते हैं, परंतु अंतर क्या है दोनों में ? भारी अंतर है दोनों के बीच । अकेलापन तब होता है, जब हम अपने अकेले रहने से व्यथित होते हैं, दुखी होते हैं, परेशान होते हैं । हमारा मन उस अकेलेपन से भागने लगता है और अपनों की भीड़ में समा जाना चाहता है । अकेलेपन में एक दुखद और कष्टप्रद अनुभव होता है । एकांत वह है, जहाँ हम अकेले होने में प्रसन्न एवं खुश होते हैं । एकांत हमें शांति एवं सुकून प्रदान करता है । एकांत में हमारे जीवन का सुमधुर संगीत फूटता है । अकेलापन एक सामान्य व्यक्ति के जीवन की सहज घटना है । सामान्य रूप से व्यक्ति अकेलेपन का अनुभव करता है; जबकि एकांत योगी का साथी-सहचर है । सामान्य व्यक्ति अकेलेपन से घबराता है और उससे बचना चाहता है और इससे बचने के लिए वह भीड़ की और भागता है । उसके लिए अकेलापन किसी दंड से कम नहीं है; क्योंकि उसका मन कभी भी अकेलेपन के इस अनुभव को बरदाश्त नहीं कर पाता है । इसके विपरीत योगी को कभी भी अकेलेपन का एहसास नहीं होता है, बल्कि उसे तो भीड़ से ...

परवरिश

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अच्छी पैरेंटिंग का सबूत बच्चे का व्यवहार नहीं, बल्कि माता-पिता का व्यवहार होता है। एक बच्चे का पहला दोस्त उसके माता-पिता ही होते हैं, जो जीवन के हर एक चरण में उनका मार्गदर्शन करते है। इसलिये, माता-पिता जिस तरह का व्यवहार करते हैं, इससे उनके बच्चों का व्यवहार भी काफी हद तक प्रभावित होता है! बच्चे नरम मिट्टी के पुतले होते हैं। बच्चे अपने आप को माता पिता के व्यवहार, उनके द्वारा किए गए कार्यों आदि के आधार ढालते हैं और वह अपने माता-पिता के अंदर जो कुछ भी देखते हैं, उसे ही अपने जीवन में भी नकल करते हैं। इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों के लिए सही उदाहरण तय करना चाहिए। नकारात्मक उदाहरण बच्चे के विकास पर असर कर सकते है और उनके अंदर एक खराब व्यवहार को जन्म दे सकते है। 

कार्यलय और हमारा व्यवहार

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  जब हम जॉब ज्‍वाइन करते हैं तो नए ऑफिस और वहां काम करने वाले लोगों को लेकर काफी उत्‍साहित होते हैं। हम सीनियर्स , माहौल और सुविधाओं के बारे में जानना चाहते हैं। इस बीच हम ये भूल जाते हैं कि ऑफिस में हमारा व्‍यवहार कैसा होना चाहिए। हम अपने कपड़े , जूतों , हेयर स्‍टाइल यहां तक कि हैंडबैग तक पर ध्‍यान देते हैं , लेकिन अपने व्‍यवहार के बारे में नहीं सोचते। जबकि हमें अपने व्‍यवहार वाले पक्ष पर सबसे ज्‍यादा ध्‍यान देना चाहिए। ध्यान रखना चाहिए कि आपके व्‍यवहार की वजह से किसी को परेशानी न हो। साथी कर्मचारियों और सीनियर्स के प्रति ऐसा व्‍यवहार हो , जिससे सभी हमें पसंद करें। ऑफिस में बहुत संयमित और संतुलित व्‍यवहार की जरूरत होती है। ऑफिस में अपनी अच्‍छी इमेज बनाने के लिए काम के साथ ही एटिकेट्स की जानकारी होना भी जरूरी है। इसके लिए लोग कुछ इस तरह भी सर्च करते हैं। जैसे , ·          ऑफिस में कैसा होना चाहिए व्यवाहार ·          ऑफिस में कैसे जीतें बॉस / कलीग का दिल ·       ...

अपना लक्ष्य कैसे निर्धारित करें

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  आसानी के साथ लक्ष्य कैसे बनाये  Goal जिसका मतलब लक्ष्य होता है। लक्ष्य हर एक इंसान के जीवन में काफी अहमियत रखती है। लक्ष्य किसी को भी सफल बना सकती है। एक रिसर्च के अनुसार जिसके पास कोई लक्ष्य होता है वही आगे बढ़ता है और लक्ष्य को रखने वाले व्यक्ति का उम्र भी बढ़ता है। लक्ष्य के इंसान के जीवन में बहुत से फायदे होते है। लक्ष्य ही इंसान को हर रोज वह काम करने के लिए तैयार करता है जिस काम को करने पर उस व्यक्ति को सफलता हासिल हो सकती है। बहुत से लोगो के पास उनका लक्ष्य ही नहीं होता है। वह अपना लक्ष्य को रखना चाहते है लेकिन उनको अपना लक्ष्य बनाने का तरीका ही मालूम नहीं होता है। ऐसे में वह जब तक लक्ष्य कैसे बनाये   नहीं जान पाएगे तब तक अपना लक्ष्य नहीं बना सकते है। यहाँ पर हम कुछ ऐसे तरीके को जानेगे जिसकी मदद से लक्ष्य को बनाकर उससे हासिल किया जा सकता है। लक्ष्य को बनाने के लिए बहुत कुछ के बारे में विचार करना जरुरी होता है। तब ही जाकर एक अच्छा और सफल लक्ष्य बनाया जा सकता है और उसे हासिल किया जा सकता है। हम आपको बता दे कि एक लक्ष्य बना उतना मुश्किल नहीं होता है जितना एक अच्छ...

मानसिक सेहत के लिए भी ऑफिस में अच्‍छा संबंध (Relationship) बनाना जरूरी होता है

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    जब आप ऑफिस काम ( Working) करने जाते हैं तो यहां दोस्‍ती यारी भी जरूरी होती है. कुछ दोस्‍त होते हैं जिनसे आप हर बात शेयर करते हैं और हर वक्‍त उन्‍हीं के साथ समय बिताना पसंद करते हैं. मानसिक सेहत के लिए भी ऑफिस में अच्‍छा संबंध ( Relationship) बनाना जरूरी होता है. लेकिन अगर आप लोगों की गॉसिप में विश्‍वास करते हैं तो आपकी ये आदत ऑफिस में आपका इंप्रेशन खराब कर सकती है. यही नहीं , इस वजह से लोगों के बीच आपका भरोसा भी कम होता है और धीरे धीरे आप लोगों से कटने लगते हैं. इसका असर आपके करियर ( Career) पर भी पड़ सकता है. यहां कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं , जिनकी मदद से आप अपने ऑफिस में अपने को-वर्कर के साथ बेहतर संबंध बना सकते हैं.   वर्किंग रिलेशनशिप इस तरह बनाएं बेहतर 1. टीमवर्क के साथ करें काम अगर आप टीमवर्क के साथ काम करते हैं तो आसपास सकारात्‍मक माहौल बनता है जिससे हर कोई एक दूसरे की मदद करने की कोशिश करता है. ऐसे में अपने वर्क प्‍लेस पर ऑनेस्‍ट रहें और कॉम्‍यूनिकेशन को बनाए रखें. ऐसा करने से आपका परफॉरमेंस बेहतर बना रहता है.   2. विचारभेद को भी दें इज्‍जत ...