प्रेम की परिभाषा

अगर निभाओ तो पूरी जिंदगी है और बना लो तो पूरा संसार है । प्रेम तो वही है जो हृदय की अनंत गहराई से किया जाता है और जिसमें मैं नहीं हम की भावना हो। प्रेम तो जिया जाता है, पाया नहीं जाता है । सिर्फ पाने के लिए प्रेम किया जाए वो व्यापार होता है ।

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