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सच्चे और कच्चे दोस्त की पहचान।

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दोस्ती इस दुनिया के सबसे खूबसूरत रिश्तों में से एक है। देखते है। दोस्तों को पहचानने का तरीका: सच्चे दोस्त की पहचान -अच्छा दोस्त सिर्फ मीठी-मीठी बातें नहीं कर सकता। अच्छे दोस्त का फर्ज है कभी-कभी कड़वा सच बोल कर अपनों को सावधान करता रहे। -एक सच्चा दोस्त वह होता है, जो आपकी तमाम कमज़ोरियां जानने के बावजूद कभी भी गुस्से में आकर उसे जताकर आपको शर्मिंदा न करे। -सच्चा दोस्त तब भी आपका दर्द समझ जाता है, जब आप दुनिया को यह दिखाने की कोशिश कर रहे होते हैं कि सबकुछ ठीकठाक है। -सच्चा दोस्त गलती करने पर फौरन सलाह देता है और आपके पीछे हमेशा आपका बचाव करता है। -सच्चे दोस्त की पहचान संकट के वक्त के साथ दोस्त के अच्छे वक्त में भी होती है। जो अपने दोस्त की सफलता को एंजॉय कर सके, वही सच्चा दोस्त है। कई बार संकट में दो लोग अच्छे दोस्त नजर आते हैं लेकिन एक की सफलता दूसरे को उससे दूर कर देती है। -जरूरी नहीं किअच्छे दोस्त की चॉइस और सोचने का तरीका आपसे मिलता जुलता हो। इतना सबके बाद वह आपको अच्छी तरह से समझता है। दोनों दोस्त जानते हैं कि वो एक-दूसरे को बदल नहीं सकते और न ही ऐसा करने की कोशिश करते...

जिंदगी जिंदाबाद

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ज़िन्दगी से प्यार करना ज़िन्दगी को जीना ही है। ज़िन्दगी से रुठना ज़िन्दगी को दुख पहुंचाना है। यह एहसास कि हम यहां जितना खुशियां बांट सकें हमें ज़िन्दगी को जीने की असली वजह देगा। क्यों न हम जिंदगी को जीना शुरू करें ताकि हमारी बोझिल लगने वाली सोच में बदलाव आ सके और एक नया हौंसला मिल सके जीने का। खामोशी से विचार कर खुद से मिला जा सकता है, खुद को जाना जा सकता है। जो की एक सुखद एहसास है। भावनाओं को खुद से लिपट जाने दो और एहसास कराओ खुद को कि ज़िन्दगी वाकई बेहद खूबसूरत है...

पर उपदेश कुशल बहुतेरे

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पर उपदेश कुशल बहुतेरे । महान रचनाकार ही ऐसी कृतियों का सृजन करते हैं जो कालजयी होने के साथ-साथ उनकी मौलिक प्रतिभा का निदर्शन कराते हैं। ऐसी रचनाओं में वे ऐसे मूल्यों को प्रकट करते हैं जो शाश्वत होने के साथ-साथ मानव के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य करता है। महाकवि तुलसीदास एक ऐसे ही रचनाकार हैं। उनके द्वारा रचित रामचरितमानस में ऐसी अनेक सूक्तियां भरी पड़ी हैं, जो मानव जीवन को प्रेरणा देने वाली और उचित दिशा दिखाने वाली हैं। इसी प्रकार की एक सूक्ति है:- “पर उपदेश कुशल बहुतेरे।” प्रस्तुत सूक्ति का प्रयोग तुलसीदास ने मेघनाद वध के बाद किया था। मेघनाद के वध का समाचार सुनकर रावण मूर्छित हो जाता है परंतु जब मंदोदरी आदि सभी स्त्रियां विलाप करने लगती हैं तो रावण उन सबको ज्ञान का उपदेश देकर सांत्वना देने की कोशिश करता है। रावण उन्हें जगत की नश्वरता का उपदेश देकर समझाने का प्रयत्न करता है। इसी पर तुलसीदास ने इस उक्ति का कथन किया है तिन्हहिं ग्यान उपदेसा रावन, आपुन मंद कथा सुभ पावन। पर उपदेश कुशल बहुतेरे, जे अचरहिं ते नर न घनेरे।। अभिप्राय यह है कि दूसरों को उपदेश देने में तो लोग बहुत कुशल हो...

करोना का इलाज

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क्या आपको पता है ? कोरोना की दवाई आपके शरीर में ही है। कोरोना वायरस की कोई दवा अभी नही बनी है। जो भी कोरोना से स्वस्थ हुए हैं वो सिर्फ अपनी *इम्युनिटी (शरीर की स्वयं रोगों से लड़ने की ताकत/रोग प्रतिरोधक शक्ति)* से ही ठीक हुए है। बहुत लोगों की ऐसी धारणा है कि ये बीमारी एक बार तो सबको ही होनी है। जिसकी इम्युनिटी अच्छी होगी वो बच जाएगा और जिसकी अच्छी नही होगी वो नही बचेगा। मतलब ये हुआ कि हमारे शरीर की इम्युनिटी ही कोरोना की दवाई है। तो हमे सारा ध्यान अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर देना चाहिए। यदि आप इस महामारी को मात देना चाहते हों, तो हमें यह सीखने की बहुत आवश्यकता है कि किन चीजों से इम्युनिटी बढ़ती है और किन चीजों से इम्युनिटी घटती है। *पहले इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों पर ध्यान देते हैं:-* 1. योग, आसन 2. व्यायाम या कोई खेल 3. घर का बना शुद्ध भोजन 4. आंवला (किसी भी रूप मे खाएं- आंवले का विटामिन "सी" कभी नष्ट नहीं होता चाहे भूनें, उबालें, पीसें, सुखाएं या पाउडर बनाएं) 5. फल ( खासकर खट्टे फल खाएं- परंतु रात में खट्टे फल नहीं खाना चाहिए) 6. हरी सब्जियां 7. दालें 8. गुड़ 9. शुद्ध तेल कोई भी (...

Lockdown- 3

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लॉकडाउन 3.0 (Latest Information) नवीनतम जानकारी  लॉकडाउन को 3 मई से 17 मई तक बढ़ाया गया देश के हर जिले की रिस्क प्रोफाइलिंग देश को तीन जोन में बांटा गया 130 रेड, 284 ऑरेंज, 319 जिले ग्रीन जोन देशभर के ग्रीन जोन में कुछ रियायते मिलेंगी पहले ग्रीन जोन के लिए 28 दिन की शर्त थी अब ग्रीन जोन वो जहां 21 दिन से कोई केस नहीं विस्तार कोरोना वायरस की मार झेल रहे भारत में 17 मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। पहले यह 3 मई को खत्म हो रहा था। अब 1 मई यानी शुक्रवार शाम को गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के तीसरे संस्करण (4 मई से 17 मई तक) की घोषणा की। इस दौरान जारी रहने वाली गतिविधियों के लिए गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी भी जारी की है। देश को तीन जोन में बांटकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग होगी। देश में फिलहाल 130 जिले रेड जोन, 284 ऑरेंज, 319 ग्रीन जोन में आते हैं। सरकार हर जिले की हफ्ते दर हफ्ते रिस्क प्रोफाइलिंग करेगी। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के बारे में समय-समय पर जानकारी दी जाएगी। राज्यों को अपने जिलों को...

कोरोना से बचाव हेतु कपड़े कैसे रखें साफ

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आप जानते हैं की वर्तमान में विश्व कोरोना वायरस महामारी से जंग लड़ रहा हैं। और अपने देश में लॉकडाउन जारी हैं।  कोरोना वायरस से बचने के लिए बेशक आप लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं लेकिन खाने-पीने का सामान लेने के लिए बाहर तो जा ही रहे होंगे। जाहिर है घर से बाहर निकलर आप कुछ चीजों को छूते ही होंगे और फिर उन हाथों से अपने कपड़ों को भी छूते होंगे। घर में आकर आपने हाथों को तो साबुन से से धो लिया लेकिन कोरोना के डर के चलते कई लोगों में दिमाग में यह सवाल रहता है कि कहीं मार्केट आदि जगहों से आने के बाद क्या तुरंत कपड़े बदलने चाहिए या नहीं? जानकारी के अनुसार सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, कोरोनो वायरस आमतौर पर श्वसन की बूंदों (संक्रमित व्यक्ति की छींकने या खांसने) से फैलता है। यह बूंदें वस्तुओं और सामग्रियों के माध्यम से भी प्रेषित हो सकती हैं। ऐसे कई अध्ययन सामने आये हैं जिनमें दावा किया गया है कि कोरोना वायरस सतहों पर घंटों तक बना रह सकता है, जिसमें कपड़े भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार न्यूयॉर्क मेडिकल कॉलेज में स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड प्रैक्टिस के डीन और सीडीसी के ...

कोरोना से बचाव हेतु AC पंखे से संबंधी गाइडलाइंस

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तापमान बढ़ने के साथ ही लोगों के मन में एसी को लेकर सवाल भी बढ़ने लगे हैं. क्या गर्मी में एसी का इस्तेमाल करना चाहिए? क्या इससे हमारे संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा? कोरोना वायरस महामारी के दौरान एसी का इस्तेमाल सुरक्षित है या नहीं, इसे लेकर वैज्ञानिकों की बहस जारी है. सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) ने गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसे महामारी के दौरान पालन किया जाना है. एयर कंडीशनर, कूलर और पंखे के उपयोग के बारे में केंद्र सरकार की गाइडलाइंस, जो आपको पता होनी चाहिए. CPWD की जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, घर पर एसी का तापमान 24 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच होना चाहिए. गाइडलाइंस में ये भी कहा गया है कि 40 और 70 प्रतिशत के बीच ह्यूमिडिटी बनाए रखना चाहिए. इसका मतलब ये है कि ह्यूमिड क्लाइमेट वाले लोगों को तापमान को 24 डिग्री सेंटीग्रेड के करीब सेट करना चाहिए और ड्राई क्लाइमेट में जो हैं, उन्हें तापमान 30 डिग्री सेंटीग्रेड या उसके करीब रखना करना चाहिए. ड्राई क्लाइमेट में रहने वाले लोग एयर सर्कुलेशन के लिए एसी इस्तेमाल करते समय पंखा भी चला सकते हैं.  रिपोर्ट कहती है: “जब हम शुष्क हवा म...