आओ घूमे केरल




केरल में तीन चीजें देखने लायक हैं - पहाड़, बैकवाटर्स और बीच... 

पहाड़ों में मुन्नार सबसे ज्यादा फेमस है... इसके अलावा थेक्कड़ी, वायनाड़ और कुछ स्थानीय हिल स्टेशन भी हैं... अगर आप कभी मुन्नार जाओ, तो कम से कम 2 दिन केवल मुन्नार के लिए रखना... इनमें से एक दिन आप चले जाना टॉप स्टेशन की तरफ... मुन्नार से टॉप स्टेशन वाले रूट पर कई दर्शनीय स्थल हैं - रोज गार्डन, एलीफेंट राइड, माटुपट्टी डैम, इको पॉइंट, कुंडाला डैम और दूर तक फैले अनगिनत टी गार्डन...

अगर आप थेक्कड़ी जाओ, तो सफारी जरूर करना... यह जंगल सफारी भी हो सकती है और लोकल जीप सफारी भी हो सकती है... अगर अवेलेबल हो, तो पेरियार लेक में बोटिंग भी की जा सकती है... इनके अलावा शाम को कलरीपट्टू व कथकली शो भी देखे जा सकते हैं... ये दोनों शो एक-एक घंटे के होते हैं और 200-250 रुपये प्रति शो के लगते हैं... इनके अलावा किसी स्पाइस गार्डन की विजिट भी कर सकते हो... यह गाइडेड टूर होता है... कुछ गार्डन में विजिट करने के पैसे लगते हैं और कुछ में पैसे नहीं लगते... आप चाहो, तो यहीं से मसाले व आयुर्वेदिक दवाएँ भी खरीद सकते हो... 

अब अगर बैकवाटर्स की बात करें, तो केरल में अलेप्पी, कुमाराकोम, मुनरो और पूवार बैकवाटर्स फेमस हैं... अलेप्पी में बैकवाटर्स में हाउसबोट भी चलती हैं... ये हाउसबोट दोपहर बाद स्टार्ट होती हैं और शाम को कुछ दूर किनारे पर लग जाती हैं... पूरी रात ये किनारे पर लगी रहती हैं... अगले दिन सुबह इन्हें वापस स्टार्टिंग पॉइंट पर लाकर खड़ा कर दिया जाता है... 

कुछ लोगों के लिए हाउसबोट का अनुभव अच्छा होता है और कुछ के लिए अच्छा नहीं होता... अच्छा न लगने के दो-तीन कारण हैं... नंबर एक, हाउसबोट बैकवाटर में पूरी रात एक ही स्थान पर खड़ी रहती हैं, इसलिए रुके हुए पानी की गंध व मच्छर परेशान कर सकते हैं... कुछ लोगों को गंध परेशान नहीं करती, कुछ को परेशान करती है... यह पर्सन टू पर्सन मैटर होता है... नंबर दो, एसी रात 8-9 बजे शुरू होता है और सुबह 6-7 बजे बंद हो जाता है... इसका कारण है कि एसी के लिए बाहर से बिजली का कनेक्शन दिया जाता है... जब हाउसबोट किनारे पर स्टेबल हो जाती है, तभी बाहर से तार जोड़े जाते हैं और एसी चालू किया जाता है... कुछ प्रीमियम हाउसबोट में इसके लिए जनरेटर भी होता है... इनमें एसी पूरे समय ऑन रहता है... अगर आप इन बातों को पहले से जानते हैं, तो हाउसबोट का आपका अनुभव शानदार हो जाएगा...

बैकवाटर्स में बोटिंग भी अवश्य करनी चाहिए... पानी की संकरी नहरों से होकर बोट जब गुजरती है, जब पुलों के नीचे से निकलती है, तो वो अनुभव बताया नहीं जा सकता...

अब अगर बीच की बात करें, तो केरल का सबसे प्रसिद्ध बीच है कोवलम बीच... इसके अलावा पूवार गोल्डन सैंड बीच और वरकला बीच भी अच्छे फेमस हैं... पूरा केरल अरब सागर के किनारे है, तो यहाँ अनगिनत बीच हैं... 

अब बात आती है रूट प्लान की... आप इस तरह से अपना रूट प्लान कर सकते हैं...

दिन-1: कोच्चि आगमन और शाम को फोर्ट कोच्चि, चाईनीज फिशिंग नेट की विजिट...
दिन-2: कोच्चि से मुन्नार... रास्ते में कुछ वाटरफाल और दर्शनीय स्थल भी मिलते हैं...
दिन-3: मुन्नार से टॉप स्टेशन और वापस मुन्नार
दिन-4: मुन्नार से थेक्कड़ी
दिन-5: थेक्कड़ी से कुमाराकोम... अगर आप कुमाराकोम नहीं जाना चाहते, तो सीधे अलेप्पी जा सकते हैं...
दिन-6: कुमाराकोम से अलेप्पी...
दिन-7: अलेप्पी से मुनरो आइलैंड... मुनरो आइलैंड ज्यादा फेमस नहीं है, लेकिन must do है... 
दिन-8: मुनरो आइलैंड से वरकला बीच होते हुए कोवलम
दिन-9: कोवलम में ही रहते हुए पूवार बैकवाटर्स व पूवार बीच... कन्याकुमारी तक भी जा सकते हैं...
दिन-10: कोवलम से त्रिवेंद्रम... यहाँ से आप वापसी की ट्रेन या फ्लाइट ले सकते हैं...

अब आप अपनी इंट्रस्ट और समय के अनुसार इसमें फेरबदल कर सकते हो... सपोज करो कि आपको अलेप्पी में हाउसबोट में नहीं रुकना, तो अलेप्पी जाने का कोई मतलब नहीं बनता... पूवार में बैकवाटर व बीच एक साथ हैं, तो पूवार बैकवाटर जाना तो बनता है... तो अगर आपके पास समय कम है, तो मुनरो व कुमाराकोम बैकवाटर को छोड़ सकते हैं... कोच्चि घूमने की इच्छा नहीं है, तो कोच्चि लैंड करने के बाद सीधे मुन्नार भी जा सकते हो... तो कुल मिलाकर आपकी इंट्रस्ट व समय का मामला है सब...

यह बेसिक आइटनरी है... आप चाहो, तो इसमें इन स्थानों को भी जोड़ सकते हो... मदुरई, रामेश्वरम, कन्याकुमारी, कोडैकनाल, ऊटी, वायनाड, कूर्ग, मैसूर...


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