आध्यात्म




क्या हम अध्यात्म मार्ग पर हैं.?

जब भी हम आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ते हैं, नियमित रूप से ध्यान, जागरूक व विवेक में रहते हुए जीवन की गहराई में उतरने लगते हैं तो निश्चीत रूप से हमारे जीवन में अद्भुत बदलाव आने लगते हैं।

 हमारे व्यक्तित्व से जड़ता दूर जाने लगती है एवं हम आत्मिक चैतन्य भाव से जुड़ने लगते हैं और जीवन की धन्यता को अनुभव करते हैं, अहोभाव में, धन्यवाद भाव में जीने लगते हैं, शिकायत भाव विदा हो जाता है और जीवन की छोटी-छोटी बातों का आनंद लेने लगते हैं। बिना किसी कारण के आनंद भाव बना रहता हैं। 

जहां सांसारिक लोग व्यक्ति के साथ भी वस्तु की तरह व्यवहार करते हैं वहीं एक आध्यात्मिक व्यक्ति वस्तु के साथ भी एक व्यक्ति की तरह एक सम्मान, आदर सब प्राणियों, पेड़, पौधे, पहाड़, पत्थर, यह चांद, तारे , यह विराट आकाश सब के साथ एक आत्मियता महसूस करता है। एक संवेदनशीलता, जागरूकता के साथ जीते हुए हर पल का आनंद लेता हैं।

अपनी आध्यात्मिक ऊंचाई को नापने का सही तरीका तो यही होगा कि हम अपने आप को कल की अपेक्षा आज कुछ बेहेतर, अधिक आनंदित, अधिक करुणामय, परोपकार भाव से व प्रेम से भरे हुए हैं तो हम सही मार्ग पर हैं अर्थात हम अध्यात्म के मार्ग पर है।।

                        

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