लिट्टी-चोखा।। यह बिहार का व्यंजन है और बिहारी पहचान वाले इस व्यंजन को लोग बड़े चाव से खाते हैं. यहां के लोगों ने इसे दूसरे राज्यों व देशों में भी फैलाया है। आज लिट्टी चोखा के स्टॉल हर शहर में दिख जाते हैं. लिट्टी चोखा खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है, ये सेहत के लिए भी काफी फायेदमंद होता है। गेहूं के आटे में चना सत्तू ,अदरक, लहसुन, अजवाइन, काला जीरा, नींबू, आदि को भरकर इसे आग पर पकाया जाता है. फिर देसी घी में डुबोकर इसे खाया जाता है. जिन्हें कैलोरी की फिक्र है, वो बिना घी में डुबोये लिट्टी का स्वाद ले सकते हैं. तला-भुना नहीं होने की वजह से ये सेहत के लिए अच्छा है. इसे ज्यादातर बैंगन,आलू , टमाटर के चोखे ,चटनी के साथ खाया जाता है. बैंगन को आग में पकाकर उसमें टमाटर, मिर्च और मसाले को डालकर चोखा तैयार किया जाता है। इसका इतिहास मगध काल से जुड़ा है. कहा जाता है कि मगध साम्राज्य के दौरान लिट्टी चोखा प्रचलन में आया. बाद में ये मगध साम्राज्य से देश के दूसरे हिस्सों में भी फैला. मगध बहुत बड़ा साम्राज्य था. इसकी राजधानी पाटलीपुत्र हुआ करती थी, जिसे आज बिहार की राजधानी पटना ...